सजीदगी से लिखने वालों को खरीददार नहीं मिलते,
वैसे तो हर युग में यहाँ खरीददार नहीं मिलते,
पुरस्कृत हो गए बेशर्म चापलूस बिना कुछ लिखे,
फ़नकार हुनरमंद को कभी उपहार नहीं मिलते..
वैसे तो हर युग में यहाँ खरीददार नहीं मिलते,
पुरस्कृत हो गए बेशर्म चापलूस बिना कुछ लिखे,
फ़नकार हुनरमंद को कभी उपहार नहीं मिलते..
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